फ़रीदाबा हरयाणा के LOVE जिहाद माफ़ कीजियेगा एकतरफा प्रमे के मामले के बारे में तौसीफ नाम का लड़का था जिसने निकिता तोमर नाम कि लड़की को सिर्फ इस लिए मार दिया क्यों की वो उससे प्रेम करता था और उसका धर्म परिवर्तन करके विवहा करना चाहता था साल 2018 में तौसीफ ने निकिता को देखा और उसे देखते ही उससे प्रेम हो गया। उसके बाद तौसीफ ने निकिता से प्रीमे का इजहार किया और निकिता तोमर ने तौसीफ को मन कर दिया।
उसी साल 2018 में ही तौसीफ ने निकिता के अपहरण की असफल साजिश रचा और निकिता के परिवार में तौसीफ के खिलाफ FIR लिखवाया साल 2018 में आखिर कार मामला सुलाह करके FIR वापस ले लिया गया क्योंकि तौसीफ के घरवाले काफी रसूखदार थे। कांग्रेस से उसकी काफी अच्छे संबंध थे ,तौफ़ीक़ के भाई काफी बड़े नेता थे राहुल गन्दी के साथ काफी उठना -बैठना था , जिसके कारन मामला रफा दफा कर दिया गया।
इस से हमे ये सीख मिलती है की
१. लड़का अपराधी प्रवृत्ति का नहीं था क्योकि अगर वो अपराधी प्रवृत्ति का होता तो अपहरण करने में सफल होजाता इससे छोड़िये
२. लड़का सच्चा आशिक़ था क्योकि वो लड़की से शादी करना चाहता था भलेही दाहरमपरिवर्तन करवा कर करे
३. लड़का ईमान का पक्का आशिक़ था क्यूकी उनके पवित्र िताब में जो लिखा है उसी रास्ते पर चल रहा था
अब इतनी छोटी सी बात के लिए भला उसे मौत की सजा थोड़ी ही दिया जा सकता है क्यूकी अल्पसंख्यक जो है।
हमे आपने उदार लोगो से कुछ सिकने चाहिए धर्म निरपेक्षता ही सीख लीजिये।
जैसे समाचार संवाददाता रोहिणी सिंह ने हाथरस मामले में 400 से ज्यादा ट्वीटर पर ट्वीट किया उन्हें पडिलो और निकिता मामले में एक आधा री-ट्वीट किया होगा।
अब कुछ लोग बोलोंगे की रोहिणी सिंह इसमें झुका हुआ है अब कोई उन्हें बाते की झुकाब अलग है और धर्म निरपेक्षता अलग है।
हाथरस मामले में जाती भेद बाब दिखा कर उसको बताना की उच्च जाती में नीच जाती को मार दिया धर्म निरपेक्ष है। और निकिता कांड में मूह का समर्थन देना भी धर्म निरपेक्ष को दिखता है
अब हमारे रविश कुमार जी को ही लेलीजिये उन्होंने हासरथ मामले में 5 से ज्यादा प्रधान समय समाचार किया वहीं जब निकिता तोमर आया तो कल रविश जी बोल रहे थे की बिहार का शिक्षा ठीक नहीं है।
निकिता तोमर का मुद्दा क्यों नहीं उठाना जाना चाइये जानते है .....
अगर निकिता तोमर का मुद्दा आमने आया तो आपके प्रेम जिहाद के बारे में बोलना पड़ेगा और प्रेम जिहाद तो कुछ है ही नहीं आप गूगल और विकिपीडिया पर भी खोज लीजिये ये कहते है "जो लीग इस्लाम से डरते है या नफरत करते है विहि लोगो का फैलाया हुआ झूठ है "
भारतीय मीडिया और अखबार की राय
द वायर ने हमे समझाया है की निकिता तोमर के मामले में किस तरह से "एक आदमी ने एक एक लड़की को मार दिया है "
कौन थी लड़की कौन था वो आदमी ???
कुछ और उदाहरण देखते है 24 अक्टूबर को टाइम्स ऑफ़ इंडिया में न्यूज़ आर्टिकल में आया था की एक 25 साल के लड़के ने एक नाबालिग लड़की की अपहरण कर लिया।
लेकिन जब ठीक से पड़ताल किया गया तो पता चला की लड़की हिन्दू थी और लड़के का नाम दिलवर खुर्रेषी था।
लेकिन आप इसे प्रम जिहाद मत समझिये
अगर हम थोड़ी सी खोर करे तो हमको पता चलेगा की हजारो ऐसे मामले सामने मिल जायेंगे जिसमे लड़की को इस लिए मार दिया गया क्योकि लड़की ने धरमपरिवर्तन करने से मन कार दिया था मगर वो लव जिहाद या प्रेम जिहाद नहीं है।
Post a Comment
if you have any questions please let me know