The real face of DELHI POLICE DEPARTMENT which will make you Surprised

 दिल्ली पुलिस सर्विस(Delhi Police Service) जो की भारत के पुलिस का गर्व है लेकिन असलियत यह भी है कि अगर आप दिल्ली पुलिस पर गर्व करते है तो  क्या वह सच में उस गर्व या प्रेम के लायक है ?




हमारे समाचार संपादक कुछ इस प्रकार बोलते है दिल्ली पुलिस(Delhi Police) के बारे में कि आपको गर्व महसूस होगा लेकिन सच्चाई ये नहीं है.....

मेरे अनुसार मैं जहां तक जनता हूँ आपलोगो में से बहुत सारे लोग मुझे गलत समझेंगे लेकिन मुझे ये भी यक़ीन है कि कुछ लोगो को मेरी बात सच्ची लगेगी  । मैं दिल्ली में रहने वाला एक आम नागरिक हूँ और एक मध्यम वर्ग के अंदर आता हूँ। मैं अपना नाम तो नहीं बता सकता हूँ लेकिन आप सब  मुझे  अजय के नाम से बुला सकते हैं (यह एक कल्पनीक नाम है)।   

तो भाईयों बात कुछ ऐसी है कि अगर आपको घर बनाना हो या पासपोर्ट वेरफ़ेक्शन करना हो या कुछ और काम जो आपके दिल्ली पुलिस के ऑफिस में जाके करना पड़ेगा तो उसके लियें आपको डाक्यूमेंट्स ( Documents ) कि जरुरत नहीं पड़ेगी आपको पड़ेगी जरुरत सिर्फ और सिर्फ पैसो अर्थात धन  कि  जिसके बिना पूरा दुनिया नहीं चलता उसी धन कि जरुरत अब दिल्ली को भी है और  यह देना ही होगा वो भी आपको दिल्ली पुलिस के ऑफिस में  जाकर देना पड़ेगा जानते हैं क्यों ??

मेरे प्यारे भोले भले भाईयों अगर आप पैसे नहीं देंगे तो आपके काम को रोक दिया जायेगा आप को कानून सिखाया जायेगा और आपको धमकाया भी जायेगा अब समझे आप सब और यही है सच्चाई दिल्ली पुलिस कि ....

क्यों है इतने भ्रष्ट दिल्ली के पुलिस ऑफिसर्स ????

नहीं आप मुझे गलत समझ रहे हैं मैंने ये नहीं कहा कि दिल्ली के सारे पुलिस ऑफिसर्स  भ्रष्ट हैं लेकिन जो पैसे देकर नौकरी खरीदते है उन्हें तो  अपने पैसे वसूलने होंगे तो भला कहाँ  से वसूले बेचारे तो इसी बीच में पिस्ता है दिल्ली का Mango Man यानि कि आम नागरिक ....

लेकिन जैसे सुशांत सिंह राजपूत जो कि एक मशहूर लेकिन आम नागरिक थे जब उनके साथ ऐसा हो सकता है तो एक आम आदमी करहि क्या सकता है।  कितने उद्धरण दूँ आपको आखिर मैं ,

हम कह सकते है कि आज कल के पुलिस और गुंडों में ज्यादा फर्क नहीं रहा क्योंकि दोनों का काम अब आम नागरिक से  पैसे वसूलने अर्थात लूटने कहि रह गया है।  

कुछ साल पहले कि बात है मेरे दोस्त के पिताजी जो कि दिल्ली में एक ऑफिस में केशियर है उनके साथ एक दुर्घटना हो गयी जिस्से उसके पुरे परिवार के उप्पर काफी बुरा आसार हुआ और मेरे दोस्त के पिताजी को कुछ लोगो ने जो उनके ऑफिस में काम करते थे उन्होंने मिर्ची पॉउडर का इस्तेमाल कर के लूट लिया था उनके साथ भी कुछ अच्छा व्ययभार नहीं हुआ। 

ये वारदात  लगभग  2016 कि है जिसमे उनको हि आरोपी समझा गया और उनपर हाथ भी उठाया गया। जबकि हम जानते है कि किसी के ऊपर भी बिना सबूत के हाट नहीं उठाया जाता है। 

मुझे नहीं पता कि क्या पुरे भारत का यही हालत है या सिर्फ दिल्ली कि हि हालत ऐसी है। लेकिन जब भी मन्न में ऐसा ख्याल आता है  तो मैं यही सोचता हूँ कि अगर रक्षक हि भक्षक बन जाए तो इन्हे कौन रोकेगए क्या हमे सच्च में ऐसे पुलिस डिपार्टमेंट कि जरुरत है.....


some videos for show you how Delhi Police work in Delhi:-





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